में बहोत थक चूका हु, अब बर्दास्त नहीं
होता. तुम ये मत समजना के तुम्हारी वजह से ये सब लिख रहा हु. नहीं. मेने पहले भी
कहा था के ये मेरी समस्या है और मेरी ही रहगी.
हा , पर अब तक ये समस्या, जो मुझे आज से
पहले समस्या नहीं लगी है वो मुझे दिक्कत दे रही है. पता नहीं लेकिन पिछेले कुछ
दिनों से वो समस्या लग रही है. (शायद ये सुन के तुमको ख़ुशी भी हो )
पता नहीं पर एसा लगा रहा है मे जिन्दा
नहीं हु , मेरे जिन्दा होने का एहसास में खो रहा हु. सिर्फ साँस लेना ही जिंदा
होना नहीं है. ये बात तो में कुछ साल पहले वेंटिलेटर नाम के एक मशीन ने सिखा दी
थी. खेर वहा नहीं जाते.
दिक्कत ये है की अब थकान रहती है थोड़ीसी.
ये इंतज़ार की वजह से नहीं. और ना ही एसी कोई उम्मीद जाग गई है के जिसके कारन
तुम्हे डर/दुविधा/चिंता एसा कुछ भी हो. पर
तेरे न होने की कमी खुछ ज्यादा ही खलती है.
हां मुझे पता है तुम एसी ही हो. शिकायत नहीं कर रहा , हमारे रिश्ते में
इसकी गुंजाईश नहीं है.
रिश्ता ?
हां रिश्ता. कभी कभी हम अपनी पसंद की जगह
पर चाय या कोफ़ी के लिए जाते है और जिस टेबल पे हम रोज बैठते है , उस पर एक दिन कोई
बैठा हुआ होता है तो अच्छा नहीं लगता. अचानक से हमे लगता है हमसे कुछ ले लिया गया
है, रोज की जगह पे अनजान सा महसूस होता है. माफ़ करना फिर से लेक्चर देने लगा गया ,
कहने का मतलब है रिश्ता किसी चीज़ से भी हो सकता है , और हम तो इन्सान है.
में इस रिश्ते की कमी की वजह से थक गया
था. आज मेने हमरा रिश्ता बना लिया है. तुम्हारे लिए इस रिश्ते से कुछ नहीं बदलेगा.
पर मेरी थकान थोड़ी कम हो जाएगी. और अभी कुछ साल और उस मोड पे इंतजार कर
जाऊंगा जहा हमने (शायद सिर्फ तुमने ) इस अफसाने के छोड़ा हुआ है. (और हां वो
मोड़ खुबसूरत नहीं है ).
माफ़ी चाहता हु हमारा रिश्ता कायम करने के
लिए.
वही
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Beautiful Ankit
ReplyDeleteThank you Namrata
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