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Showing posts from August, 2011

लगता है के रात बहोत हो चुकी

अब लगता है के रात बहोत हो चुकी  , beer की सारी बोत्तल अब फर्श पे अपना सर खोले पड़ी थी और चांदनी की हालत फेकी हुई आधी  जली सिगारेट के जेसी थी, लग तो रह था की अब बस रात ख़तम होने  को है   पर वो भी बड़ी कमीनी है पिछले कुछ सालो में वो कुछ ऐसी छा  गई है के  सूरज नामकी भी चीज़ होती है भूल गए है लोग पर अब लगता है रात बहोत हो चुकी है.   बहोत  हो चूका है अब अन्धकार  का राज , और बहोत सह चुके रात का वार सूरज को अब आना ही होगा ,  एक नयी चिंगारी  को जलना ही होगा , अब तो कुछ करना  ही होगा , इन्कलाब और क्रांति के नारों  को फिर से दहाड़ना होगा  एसा कह कर एक और beer की bottal ओंधे पेट गिर पड़ी  और धुए की एक और लकीर फिर से चल पड़ी ... लगता है के रात बहोत हो चुकी 

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world

तू है तो है ज़िन्दगी .............

तू नहीं तो कुछ नहीं ज़िन्दगी, तू है तो है जिंदगी  तू मेरी दिलकशी है , तू मेरी बेखुदी है तू मेरी ज़िन्दगी है  तू है तो है ज़िन्दगी  अंधेरो में अब तक चला में , उजालो से डरा सा में , अकेला अब तक चला था में , मुजसे मिलने आई  जेसे तू रोशनी  सुबह क्या होती है जाना मेने , रिस्तो के पिटारे को खोला मेने , ज़िन्दगी को डोली में बिठाके लायी तू ] तू मेरी दिल्लगी , तू मेरी हर ख़ुशी, मेरी ज़िन्दगी है तू  तू है तो है ज़िन्दगी ............. महखाने में पाया जाता था में, शाम से ररत तक की थी ज़िन्दगी , तनहा रहना था किस्मत में मेरी , एक रात  तू आई बनके हसीं सपना  अंधेरो में एक रास्ता बनके , लायी अपने साथ एक नयी दुनिया , मेगधनुष के उस पार की दुनिया  जिससे था में बिलकुल अंजना  तू मेरी तम्मना , तू मेरा सपना ,मेरी ज़िन्दगी है तू  तू है तो है ज़िन्दगी टी नहीं तो .........