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Showing posts from September, 2014

खोफ

आज कल रहेता है थोडा सा, अंजान परींदे को प्यार करने का खोफ, प्यार करने के बाद रात का खोफ, जैसे अमावस की रात को सूरज का खोफ, आज कल रहता है थोडासा , साँस लेने का खोफ मेरे पते पे किसी ख़त के आने का खोफ, पुरानी एक प्यारी याद का खोफ, जैसे बूढ़े चूहे को भूखी खूंखार बिल्ली का खोफ, आज कल थोड़ासा रहता है , मेरा अपने जेसे होने का खोफ, तेरी आँखों में खुद को ना देख पाने का खोफ , जवान दिल को बूढ़े शरीर का खोफ, शाखों को पतजढ का खोफ, जैसे हर सिगरेट को जेसे आग का खोफ, नींद को सपनो का खोफ , सपनों को काच का खोफ, काच को भरोसे का खोफ , भरोसे को नींद का खोफ , जेसे हर रूह को परछाई का खोफ, आज कल रहता है थोड़ासा, जीने का खोफ