तू नहीं तो कुछ नहीं ज़िन्दगी, तू है तो है जिंदगी
तू मेरी दिलकशी है , तू मेरी बेखुदी है तू मेरी ज़िन्दगी है
तू है तो है ज़िन्दगी
अंधेरो में अब तक चला में , उजालो से डरा सा में ,
अकेला अब तक चला था में ,
मुजसे मिलने आई जेसे तू रोशनी
सुबह क्या होती है जाना मेने , रिस्तो के पिटारे को खोला मेने ,
ज़िन्दगी को डोली में बिठाके लायी तू ]
तू मेरी दिल्लगी , तू मेरी हर ख़ुशी, मेरी ज़िन्दगी है तू
तू है तो है ज़िन्दगी .............
महखाने में पाया जाता था में, शाम से ररत तक की थी ज़िन्दगी ,
तनहा रहना था किस्मत में मेरी ,
एक रात तू आई बनके हसीं सपना
अंधेरो में एक रास्ता बनके , लायी अपने साथ एक नयी दुनिया ,
मेगधनुष के उस पार की दुनिया
जिससे था में बिलकुल अंजना
तू मेरी तम्मना , तू मेरा सपना ,मेरी ज़िन्दगी है तू
तू है तो है ज़िन्दगी टी नहीं तो .........
Comments
Post a Comment